श्री दादाजी दरबार खण्डवा में होने वाले दैनिक कार्यक्रम
श्री दादाजी दरबार में सुबह 3:45 बजे से रात्रि 10 बजे तक होने वाले दैनिक कार्यक्रमो की जानकारी इस प्रकार हैं।
प्रातः कालीन 3:45 बजें
श्री बडे दादाजी एवं छोटे दादाजी की समाधियों का गंगाजल एवं नर्मदा जल से स्नान कराने के उपरान्त टावेल से पोछकर बड़ी चादर फिर छोटी चादर पहनाई जाती है। इसके उपरान्त माला समाधि स्थल पर पहनाई जाती है। साथ ही साथ में दोनों मंदिर धोकर पोछा लगाया जाता है। इसके उपरान्त पहले श्री बड़े दादाजी एवं बाद में श्री छोटे दादाजी के मंदिर में नेवैध लगाया जाता है।
प्रातः काल 5 बजे छोटी आरती
श्री दादाजी महाराज की आरती पहले बड़े दादाजी के मंदिर में शुरू होती है, आरती होने के पश्चात श्री दादा नाम की जयघोष
श्री गौरीशंकर महाराज की जय,
श्री धूनीवाले दादाजी महाराज की जय
श्री हरिहर भोले भगवान की जय
श्री मात नर्मदे हर-हर
होकर अल्प समय के लिये दादा नाम जप (भजलो दादाजी का नाम भजलो हरिहर जी का नाम) होता है। बाद में नाम का जयघोष होता है। और आरती धूनी पर आती है।
धूनी माता का पूजन आरती होती है तथा साथ में दादा नाम का जप भी होता रहता है। पूजन आरती धूनी माता की पूरी होने पर फिर जयघोष के बाद में आरती धूनी से छोटे दादाजी के मंदिर में आती है।
श्री छोटे दादाजी के मंदिर में-
श्री हरिहर भोले भगवान का पूजन एवं आरती होती है। बाद में दादा नाम का जयघोष होकर अल्प समय के लिये श्री दादा नाम जप होकर नाम का जयघोष होकर आरती की थाली श्री बडे दादाजी के मंदिर में आ जाती है और एक स्थान पर रखी जाती है सभी भक्त जन आरती ले सकते है। इसके पश्चात कुछ समय के लिये रक्षा करो हमारी श्री दादाजी धूनीवाले का स्मरण होता है।
प्रातः काल लगभग 5.30 बजे
आरती होने के बाद में छोटे भंडार गृह के पास चाय का वितरण सभी दादा भक्तो को निशुल्क होता है।
सुबह 8 बजे बडी आरती
श्री बडे दादाजी के मंदिर में पूजन होता है फिर आरती शुरू होती है। आरती के बाद में दादा नाम का जयघोष होकर मन्त्रों द्वारा प्रार्थना मन्त्र पुष्पांजलि शिव मानस पूजा, शिवपंश्चाक्षर स्त्रोत्र, रूद्राष्टक, इसके बाद नर्मदाष्टकम् कहा जाता है। बाद में श्री दादा नाम का जयकारा लगाकर दादा नाम जप किया जाता है। फिर जय कारा लगाकर आरती बड़े दादाजी के मंदिर से धूनी माता पर आ जाती है।
धूनी माता की पूजन आरती होती है
साथ में दादा नाम स्मरण होते रहता है। आरती धूनी माता की होने के बाद जयघोष बोलकर आरती धूनी से श्री छोटे दादाजी के मंदिर में आ जाती है।
छोटे दादाजी के मंदिर में
श्री हरिहर भोले भगवान का मन्त्रो द्वारा पूजन एवं आरती होती है। आरती होने पर जयघोष होकर फिर दादा नाम स्मरण होता है। फिर जयघोष होकर आरती बडे दादाजी के मंदिर में आ जाती है अब दादा भक्त आरती लेकर पंडितजी से प्रसाद लेते है। साथ में दादा नाम का जप भी होते रहता है, नगाडा भी बजते रहता है अन्त में जयघोष के साथ लगभग सवा नौ बजे आरती समापन होती है।
सुबह 9.30 बजे समाधि सेवा
दोनो मंदिर बड़े दादाजी एवं छोटे दादाजी की समाधि सेवा शुरू होती है। जिसमें चादर बदली जाती है तथा दोनों मंदिरों की सफाई की जाती है।
सुबह 10 बजे समाधि सेवा पूरी होने पर पहले श्री बडे दादाजी एवं बाद में छोटे दादाजी के मंदिर में माला चढ़ने पर भोग लगाया जाता है। भोग लगने के बाद दर्शनाथियों के लिए गेट खोल दिये जाते है, एवं दर्शन शुरू हो जाते है ।
शाम 4 बजे स्नान सेवा
बडे दादाजी छोटे दादाजी के मंदिर में समाधियों का गंगाजल एवं नर्मदा जल से स्नान होताहैं। प्रातः कालीन सेवा के समान ही सेवा होती है सिर्फ फर्क यह है कि ट्रस्ट की तरफ से प्रति सोमवार तथा गुरुवार के दिन अभिषेक होता है। आये हुए भक्तों में से किसी को अभिषेक कराना हो या चादर बड़ी या चादर छोटी सेवा में पेश करना चाहे तो करा सकता है। चादर पेश करते समय हाथ लगाने हेतु समय पर मंदिर में जाकर सिर्फ हाथ लगा सकते हैं, बाद में भोग लगाया जाता है। भक्त भी चाहे तो मंदिर व्यवस्था तरफ से बर्तन लेकर उसमें भोग लगा सकते है। भोग लगाते समय मंदिर के गेट बंद रहते है भोग लगने के बाद दर्शन हेतु गेट खोले जाते हैं। कोई भक्त भडारा करवाना चाहे या चाय का नेवैध लगवाना चाहे तो कार्यालय से सम्पर्क कर सकता है।
शाम 5 बजे छोटी आरती
प्रातः कालीन 5 बजे वाली आरती के ही समान होती है।
सत्यनारायण भगवान की कथा आरती
सत्यनारायण भगवान की कथा शाम लगभग 6.30 से 7.30 बजे तक होती है। ट्रस्ट की तरफ से प्रति गुरुवार तथा सोमवार कभी बड़े तथा कभी छोटे दादाजी के मंदिर में कथा होती है। आरती के पश्चात प्रसाद वितरण होता है। यदि कोई भक्त कथा कराना चाहे तो कार्यालय में सम्पर्क करके कथा करवा सकता है। यह सुविधा ऑनलाइन भी उपलब्ध हैं।
Contact no....
Phone. : 0733-2243108 Mob. : 8989045000
श्री दादाजी धाम, खण्डवा.
श्री धूनीवाला आश्रम पब्लिक ट्रस्ट
BANK OF BARODA A/c No. 07880100003670
IFSC Code: BARBOKHANDW
भक्तों की सुविधा हेतु ऑन लाईन दान की व्यवस्था अधिकारिक वेब साईट तथा MP Online पोर्टल पर उपलब्ध है।
रात्रि में 7.45 बजे बडी आरती प्रातः कालीन 8 बजे वाली आरती के समान ही होती है। रात्रि में बड़ी आरती के पश्चात
श्री नर्मदाष्टक और रूद्राष्टक बड़े मंदिर में बैठकर कहा जाता है।
रात्रि में 9.45 बजे
दोनो मंदिरों में चादर बदली जाती है। भोग लगाया जाता है। 10 बजें रात्रि में फिर शयन कराया जाता है।
श्री दादाजी दरबार में होने वाले प्रमुख त्योंहार-
1. श्री बडे दादाजी महाराज की बरसी
(अगहन सुदी तेरस )
2. श्री छोटे दादाजी महाराज की बरसी
2. श्री छोटे दादाजी महाराज की बरसी
(फागुन वदी पंचमी )
3. श्री गुरूपूर्णिमा महोत्सव
4. श्री जन्माष्टमी महोत्सव
5. श्री दीपावली महोत्सव
6. श्री महाशिव रात्रि महोत्सव
7. श्री रामनवमी महोत्सव
श्री दादाजी दरबार में दो प्रकार की व्यवस्थाएँ है।
1 पहली व्यवस्था- श्री दादा दरबार ट्रस्ट जिनका कार्यालय श्री छोटे दादाजी के मंदिर के बड़े गेट से लगा हुआ है। वहाँ सम्पर्क करके रुकने की व्यवस्था कार्यालय के पास ही पीछे की तरफ भक्त निवास में हैं। यहाँ कमरो में लेटरिन बाथरूम अटेच है। तथा वही पर एक आफिस है उसमें रुकने सम्बन्धित सम्पूर्ण जानकारी मिल जाती है। वहाँ रुके हुए भक्तों हेतु भोजन कि व्यवस्था एक बड़े से हॉल में सुबह 11:00 सेेेेे 1:00 बजे तक की जाती हैं।
रात्रि को भोजन का समय लगभग 9 बजे का रहता है। कमरा लेकर रूकने वाले भक्तों हेतु भोजन निशुल्क रहता है। भोजन हेतु बैठने पर " हरिहर महादेव शम्भू काशी विश्वनाथ दादाजी । काशी विश्वनाथ दादाजी, हरिहर महादेव शम्भू ऐसा भजन भोजन शुरू होने के पहले दोनो समय किया जाता है और अन्त में श्री गौरीशंकरजी महाराज की जय, श्री धूनी वाले दादाजी की जय, श्री हरिहर भोले भगवान की जय, श्री मात् नर्मदे हर-हर कहने के उपरान्त भोजन शुरू किया जाता है।
2 दूसरी व्यवस्था- श्री दादा दरबार पटेल सेवा समिति जिनका कार्यालय भी ट्रस्ट के कार्यालय के सामने की तरफ ही है। आप यहाँ सम्पर्क कर सकते है, यहा रूकने की व्यवस्था पटेल सेवा समिति के भक्त निवास कार्यालय गेट के अन्दर कुए के पास में हैं। वहाँ की रूकने सम्बन्धित सम्पूर्ण जानकारी मिल सकती है। वहाँ रूके हुए भक्तों हेतु भोजन का समय 11 बजे के करीब सुबह का है। वहां बैठकर भोजन कर सकते है या फिर अपने निवास पर ले जाकर कर सकते है। रात्रि के भोजन का समय लगभग 9 बजे का है। भोजन हेतु बैठने पर "हरिहर महादेव शम्भू काशी विश्वनाथ दादाजी । काशी विश्वनाथ दादाजी, हरिहर महादेव शम्भू ऐसा भजन भोजन शुरू होने के पहले दोनो समय किया जाता है और अन्त में श्री गौरीशंकरजी महाराज की जय, श्री धूनीवाले दादाजी कि जय, श्री हरिहर भोले भगवान की जय, श्री मात् नर्मदे हर-हर कहने के उपरान्त भोजन शुरू किया जाता है।
3. श्री गुरूपूर्णिमा महोत्सव
4. श्री जन्माष्टमी महोत्सव
5. श्री दीपावली महोत्सव
6. श्री महाशिव रात्रि महोत्सव
7. श्री रामनवमी महोत्सव
श्री दादाजी दरबार में ठहरने एवं भोजन की व्यवस्था
श्री दादाजी दरबार में दो प्रकार की व्यवस्थाएँ है।
1 पहली व्यवस्था- श्री दादा दरबार ट्रस्ट जिनका कार्यालय श्री छोटे दादाजी के मंदिर के बड़े गेट से लगा हुआ है। वहाँ सम्पर्क करके रुकने की व्यवस्था कार्यालय के पास ही पीछे की तरफ भक्त निवास में हैं। यहाँ कमरो में लेटरिन बाथरूम अटेच है। तथा वही पर एक आफिस है उसमें रुकने सम्बन्धित सम्पूर्ण जानकारी मिल जाती है। वहाँ रुके हुए भक्तों हेतु भोजन कि व्यवस्था एक बड़े से हॉल में सुबह 11:00 सेेेेे 1:00 बजे तक की जाती हैं।
रात्रि को भोजन का समय लगभग 9 बजे का रहता है। कमरा लेकर रूकने वाले भक्तों हेतु भोजन निशुल्क रहता है। भोजन हेतु बैठने पर " हरिहर महादेव शम्भू काशी विश्वनाथ दादाजी । काशी विश्वनाथ दादाजी, हरिहर महादेव शम्भू ऐसा भजन भोजन शुरू होने के पहले दोनो समय किया जाता है और अन्त में श्री गौरीशंकरजी महाराज की जय, श्री धूनी वाले दादाजी की जय, श्री हरिहर भोले भगवान की जय, श्री मात् नर्मदे हर-हर कहने के उपरान्त भोजन शुरू किया जाता है।
2 दूसरी व्यवस्था- श्री दादा दरबार पटेल सेवा समिति जिनका कार्यालय भी ट्रस्ट के कार्यालय के सामने की तरफ ही है। आप यहाँ सम्पर्क कर सकते है, यहा रूकने की व्यवस्था पटेल सेवा समिति के भक्त निवास कार्यालय गेट के अन्दर कुए के पास में हैं। वहाँ की रूकने सम्बन्धित सम्पूर्ण जानकारी मिल सकती है। वहाँ रूके हुए भक्तों हेतु भोजन का समय 11 बजे के करीब सुबह का है। वहां बैठकर भोजन कर सकते है या फिर अपने निवास पर ले जाकर कर सकते है। रात्रि के भोजन का समय लगभग 9 बजे का है। भोजन हेतु बैठने पर "हरिहर महादेव शम्भू काशी विश्वनाथ दादाजी । काशी विश्वनाथ दादाजी, हरिहर महादेव शम्भू ऐसा भजन भोजन शुरू होने के पहले दोनो समय किया जाता है और अन्त में श्री गौरीशंकरजी महाराज की जय, श्री धूनीवाले दादाजी कि जय, श्री हरिहर भोले भगवान की जय, श्री मात् नर्मदे हर-हर कहने के उपरान्त भोजन शुरू किया जाता है।
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